What is Cyclone, reason and types of cyclone you should know about. चक्रवात क्या है, चक्रवात के कारण और प्रकार।

KNOWLEDGE GURUJI June 26, 2019 1 Comment

WHAT  IS  CYCLONE, REASON OF CYCLONE AND IT'S TYPES. चक्रवात क्या है, चक्रवात के कारण और प्रकार।

माला, हेलेन, नरगिस और निलोफर...... यह नाम तो बॉलीवुड के बड़ी हीरोनियोंका तो है ही पर आज हम उनके बारें में नहीं बात कर रहें जिसकी हम बात कर रहें हैं वो है चक्रवात और ये सब नाम उन्ही कई बड़े चक्रवातों में से कुछ चक्रवातों के हैं। जैसे इस समय वायु चक्रवात गुजरात के तटीय क्षेत्र से टकराने का अंदेशा जताया गया था। 

तो आज हम ऐसेही कुछ चक्रवातों के बारें में जानेंगे की चक्रवात क्या होता है उसके कारण और उसके प्रकार।

चक्रवात क्या है ?

उष्णकटिबंधीय चक्रवात (टीसी) तीव्र कम दबाव प्रणाली हैं जो उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में समुद्र या महासागरों के ऊपर विकसित होते हैं। आईएमडी का कहना है, “एक उष्णकटिबंधीय चक्रवात एक तीव्र निम्न दबाव क्षेत्र या उष्णकटिबंधीय या उप-उष्णकटिबंधीय पानी के ऊपर के वातावरण में एक चक्कर है, संगठित संवहन (यानी आंधी गतिविधि) और कम स्तर पर हवाएं, या तो दक्षिणावर्त (उत्तरी गोलार्ध) या दक्षिणावृत्त (दक्षिणी गोलार्ध में) आमतौर पर उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के साथ आंधी बल हवाएं होती हैं जिनकी लगभग 63 किलोमीटर प्रति घंटे की गति होती है। आधुनिक सम्मेलन के अनुसार, हिंद महासागर के ऊपर एक चक्रवात है जो चक्रवात के रूप में संदर्भित होता है, लेकिन अगर यह अटलांटिक महासागर के ऊपर होता है तो इसे तूफान और अगर यह प्रशांत महासागर के ऊपर होता है तो उसे आँधी कहा जाता है।

चक्रवात के नाम कैसे रखे जाते है ? 

तटीय क्षेत्रों में तबाही मचाने वाले तूफानों के नामकरण को लेकर लोगों में काफी जिज्ञासा होती है। हाल ही में ओडिशा में चक्रवात को फेनी नाम दिया गया था। यह नाम बांग्लादेश ने सुझाया था। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अतिरिक्त महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के मुताबिक फेनी का मतलब सांप का फन है। 

विश्व मौसम विज्ञान संगठन/एशिया आर्थिक एवं सामाजिक आयोग और पैसिफिक पैनल ऑन ट्रॉपिकल साइक्लोन ओमान के मस्कट में वर्ष 2000 में आयोजित अपने 27वें सत्र में इस बात पर सहमत हुए थे कि वे बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में आने वाले चक्रवात के नाम तय करेंगे। सदस्य देशों के बीच लंबे विचार-विमर्श के बीच उत्तर हिंद महासागर में आने वाले चक्रवात का नामकरण सितंबर 2004 से शुरू हुआ।
ज्यादातर तूफानों के नाम महिलाओंके नाम पर होतें है। अमेरिकी मौसम विभाग ने 1953 में ये  निर्धारित किया था की A से लेकर W तक जितने भी महिलाओंके नाम हो सकते है उसी पर तूफानों का नाम निर्धारित होगा। महिला संगठनों ने इसका विरोध करने पर एक नया नियम लाया गया। नए नियम के तहत अगर ऑड वर्षों में तूफान आएगा तो उसका नाम महिला के नाम पर होगा और अगर इवेन साल में तूफान आएगा तो उसका नाम पुरुष के नाम पर रखा जाएगा।

चक्रवात की श्रेणियाँ 

चक्रवातों को हवा की गति और उसकी वजह वाले नुकसान के आधार पर वर्गीकृत किया है। 
श्रेणी 1 चक्रवात: में प्रति घंटे 90 से 125 किलोमीटर के बीच हवा गति होती है, घरों  पेड़ों को कुछ छोटासा नुकसान होने की संभावना होती है।  

श्रेणी 2 चक्रवात: में प्रति घंटे 125 से 164 किलोमीटर के बीच हवा की गति होती है और घरों, पेड़ों और फसलों पर अच्छी  प्रमाणता में नुकसान होने की संभावना होती है। 

श्रेणी 3 चक्रवात: में प्रति घंटे 125 से 224 किलोमीटर के बीच हवा की गति होती है, घरों के बनावट संबंधी नुकसान, फसलों, पेड़ों, वाहनों और इमारतों में बड़े पैमाने पर नुकसान होता है।   

श्रेणी 4 चक्रवात: में  प्रति घंटे 224 से 279 किलोमीटर के बीच हवा की गति होती है, शहरों और गावों को बड़ी मात्रा में नुकसान होता है। 

श्रेणी 4 चक्रवात: में  प्रति घंटे 280 से  किलोमीटर अधिक हवा की गति होती है, और जीवित और आर्थिक हानि होने संभावना अधिक है। 

भारत में चक्रवात चेतावनी प्रणाली

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, चक्रवातों की घटनाओं का अनुमान लगाने और उनका वर्गीकरण करने के लिए जिम्मेदार है, और आवश्यकता होने पर चेतावनी जारी करने के लिए जिम्मेदार है। बंगाल की खाड़ी में और अरब सागर में चक्रवात क्रमशः आईएमडी के विभाग क्षेत्र चक्रवात चेतावनी केंद्र (एसीडब्ल्यूसी) एवं चक्रवात चेतावनी केंद्र (सीडब्ल्यूसी) द्वारा अनुमानित हैं। नई दिल्ली में राष्ट्रीय चक्रवात चेतावनी केंद्र (एनसीडब्ल्यूसी) दोनों के बीच समन्वयक के रूप में कार्य करता है। 2014 में आईएमडी ने एक एसएमएस आधारित चक्रवात चेतावनी प्रणाली लॉन्च की, जो कि आने वाले चक्रवात की स्थिति में लोगों को सचेत करने और तैयार रहने में सक्षम बनाती है। समय-समय पर भारतीय सेना और भारतीय वायु सेना भी भारतीयों को उष्णकटिबंधीय चक्रवातों की वजह से तबाही से बचाने के लिए तैयार की गई है। इसके अलावा राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) राहत कार्यों के लिए जिम्मेदार है।

8 कारण क्यों जोखिम लेने वाले सफल होने की अधिक संभावना रखते हैं।

KNOWLEDGE GURUJI June 21, 2019 Add Comment

8 Reasons why Risk Takers Are More Likely To Be Successful.

कई लोग जोख़िमोंसे मुकर जाते है और सोचते है की सुरक्षित स्थान पर बैठकर इंतजार करना अधिक आसान और आरामदायक है। लेकिन ये लोग सपने देखने वालों से अलग होते है। जबकि सपने देखने वाले अभी भी सो  और अपना काम करने के लिए अभी भी सही वक्त के राह देख रहे है। लेकिन करने वाले ने तो अपना काम कर दिया है और वो उसका आनंद भी उठा रहा है। जोखिम लेने वालों की सफल होने की संभावना अधिक होती है क्योंकि वो खुद को किसी भी तरह सिमित नहीं रखते है और हर दूसरे व्यक्ति के हिचकिचाने पर खुद आगे आके काम करते है। 

सपने वो नहीं है जो आप नींद में देखे, सपने वो है जो आपको नींद ही नहीं आने दे।
                                                           - ए पी जे अब्दुल कलाम 

तो आज हम आपको 8 ऐसे कारण बताऐंगें की क्यो जोखिम लेने वाले लोगों की सफल होने की संभावना अधिक होती है।

1)  वे अपने हर जोखीम में एक नए जुनून का अनुभव करते है।

    हर जोखिम के साथ एक लहर आती है जो आपको आगे बढने के लिए उत्तेजित करती है और आपको फिनिश लाइन तक पोहोचने में मदद करता हैं। ज्यादातर बार जो लोग साहसी होते हैं वो लोग जोखीम उठाने मे सक्षम होते हैं। उन्हे नई ऊंचाइयों तक पहुचने के लिए एक खुमारी सी चढ़ी होती है और वे अपने काम में अधिक ध्यान देते है और इस तरह से उत्साह उन्हें अधिक रचनात्मक होने और जितने के लिए तैयार करता है। 

    2) वे हर वक्त जोखिम लेने को तैयार रहते है। 

जोखिम लेने वाले लोग दबंग होते है। और वे किसी भी तरीके से अपने साहस को दिखते है और अपने लक्ष को पूरा करते है। ऐसे लोगो में साहस के साथ आत्मविश्वास और सतर्कता भी भरपूर होती है। जब हर कोई साधारण व्यक्ति हार मान लेता है ये फिर भी वहीं डटे रहते है और अपना लक्ष पूरा करता है। यही बात इन लोगो को लीडर बनती है। 

3) वे हर वक्त ज्ञान और अनुभव प्राप्त करते रहते है। 

सफलता के लिए ज्ञान महत्वपूर्ण है। जोखिम लेने वाले ऐसे ज्ञान की पहचान करने में सक्षम होते हैं क्योंकि वे एक ऐसी प्रक्रिया से गुजरने को तैयार होते हैं जो इस तरह का ज्ञान प्रदान करेगी। ऐसे ज्ञान के माध्यम से वे भविष्य के कदमों को पार कर सकते हैं और कठिन जल के माध्यम से पाल सकते हैं।

4) वे सफलता का पीछा करते है। 

जोखिम लेने वाले जानते है की सफलता आसानी से उनकी झोली में नहीं आ सकती। इसके लिए उसका पीछा करना और शिकार करना पड़ता है। और वे यह भी जानते है की ऐसा तब ही होगा जब वे जोखिम उठाएंगे और उसका मुतोड़ जवाब देंगे। जोखिम लेने वाले हमेशा सक्रिय और सफलता की खोज के लिए तैयार रहते हैं।  

5) उन्हें हार और असफलता से डर नहीं लगता। 

जितनी अधिक जोखिम आप लेते है उतना ही कम आप उन चीजों को देखते है जो आपको रोक सकती है। ये लोग वास्तव में अजेय होते है क्योकि जोखिम लेने से इन लोगों की इच्छाशक्ति मजबूत होती है, चाहे कुछ भी हो। डर की वजह से कई लोग अपने सपनों को पाने में हार जाते है लेकिन जोखिम लेने वाले लोग डर से डरतें नहीं उनका जमके सामना करते है। 

6) जोखिम लेने वाले लोग खुदका एक अलग स्तर स्थापित करते हैं। 

जोखिम लेने वाले बड़े सपने देखने से प्रेरित होते हैं। यह सब एक जोखिम लेने से शुरू होता हैं  और इसका एक विशिष्ट इनाम भी होता है। जोखिम लेने वाले कुछ सार्थक प्राप्त करने के बाद रुकते नहीं बल्कि और काम करके और सफलता प्राप्त करना चाहते है। हर जोखिम के साथ वसीयत औसत से ऊपर आती है और नए और अपरिभाषित क्षेत्रों में पनपती है।

7) वे सभी तरह से सीखते जातें है और खुद को बेहतर बनातें है। 

यह केवल ज्ञान के बारे में नहीं है। वे खुद की खोज करते रहते है और अपने आंतरिक शक्ति का इस्तेमाल करते है। सभी आम लोगो को ये जानना होगा की सच्चाई यह है कि कुछ रायों के खिलाफ यह जानना महत्वपूर्ण होगा कि जोखिम लेने वाले बेवकूफ नहीं हैं। वे होशियार और निपुण हैं क्योंकि सीखने और ज्ञान के कारण वे कई प्रक्रियाओं से गुजरते हैं, वे यह समझने में सक्षम होते हैं कि वे क्या ले सकते हैं और क्या नहीं ले सकते। वे हर जोखिम में खुद को डुबोते नहीं हैं, बल्कि वे खुद को उन क्षेत्रों और आयामों के बारे में बताते हुए डुबोते हैं जो वे आगे बढ़ाने वाले हैं। फिर वे इसके लिए जाते हैं।

8) वे खुद को परिस्थिति के साथ बदलते है। 

जोखिम लेने वालों के साथ कुछ भी स्थिर नहीं होता है। वे अधिक स्वतंत्रता और लचीलापन प्राप्त करते हैं। वे नहीं चाहते हैं कि जोखिम के रूप में उन्हें परिवर्तन को परिभाषित करने या परिवर्तन के अनुकूल होने में मदद मिलती है। जोखिम लेने वाले कभी भी प्रवाह के साथ फंस नहीं सकते हैं। बल्कि वे इसके साथ चलते हैं और बड़े बदलाव के लिए टोन सेट करते हैं। कुछ अलग करने का मतलब असुविधा और पुनर्निर्देशन हो सकता हैअभी तक उस सुविधा क्षेत्र से बाहर निकलना वह है जो एक निशान को सहन करेगा और आपके लिए इच्छित जीवन लाएगा। यही कारण है कि जोखिम लेने वाले हमेशा शासन करेंगे!

तो दोस्तों यही कुछ कारण है की जोखिम लेने वाले लोग इतने सफल और समृद्ध होते है। 

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SBI में निकली 579 पदों पर नौकरी। इन पदों पर ग्रेजुएट लोग आवेदन कर सकते है।

KNOWLEDGE GURUJI June 16, 2019 Add Comment

SBI में निकली 579 पदों पर नौकरी। इन पदों पर ग्रेजुएट लोग आवेदन कर सकते है। 

स्टेट बैंक इंडिया में एसओ (SBI SO) के 579 पदों पर निकली नौकरियां जाने आखरी तारीख और कैसे करे आवेदन। इन पदों पर इच्छुक लोग कर सकते है आवेदन।   


ख़ास बातें 

1. निवेदन की आखरी तारीख है 16 जून 2019.  
2. कुल 579 पदों पर होगी भर्ती। 
3. इन पदों पर ग्रेजुएट कर सकते है आवेदन।   

नई दिल्ली : स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ( State Bank of India ) स्पेशलिस्ट कैडर ऑफिस के पदों पर भर्ती के लिए आवेदन की प्रक्रिया पिछले महीने शुरु की थी। SBI SO के पदों पर आवेदन के लिए आखरी तारीख 16 जून है।  ऐसे में जिन लोगों को नौकरी की तलाश है वो लोग SBI की आधिकारिक वेबसाइट पर जाके आवेदन कर सकते है। SBI SO के 579 पदों पर भर्तियां करेगा।  इनमे प्रमुख ( उत्पाद, निवेश एंव अनुसंधान ), केंद्रीय अनुसंधान दल, रिलेशनशिप मैनेजर (आरएस), रिलेशनशिप मैनेजर (ई -वेल्थ), ग्राहक संबंध अधिकारी (सीआरई) और अन्य पद शामिल है। अलग-अलग पदों पर अलग-अलग योग्यता निर्धारित है अगर आप भी इन पदों पर आवेदन करना चाहते हैं तो निचे दी गई जानकारी को ध्यान से पढ़ लें और उसके बाद आवेदन करे। 

पद का नाम :

प्रमुख ( उत्पाद, निवेश एंव अनुसंधान ), केंद्रीय अनुसंधान दल, रिलेशनशिप मैनेजर (आरएस), रिलेशनशिप मैनेजर (ई -वेल्थ), ग्राहक संबंध अधिकारी (सीआरई) और अन्य। 

कुल पदों की संख्या :

579 पद 

योग्यता :

इन पदों पर ग्रेजुएट आवेदन कर सकते है, अलग-अलग पदों पर अलग-अलग योग्यता निर्धारित है। योग्यता से संबधित अधिक  जानकारी के लिए ऑफिसियल नोटिफिकेशन चेक करे। 

उम्र सिमा :

उम्मीदवार की उम्र सिमा न्यूतम 20 और अधिकतम 50 तय की गई है, अलग पदों पर अलग से उम्र सिमा तय है।

ऐसे करे आवेदन :

आवेदन करने के लिए स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया के ऑफिशियल वेबसाइट पर जाए, आप निचे दिए गए लिंक का भी उपयोग कर सकते है। 


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